Sunday, March 29, 2009

हाइकु

गा मन फाग
फगुनाहट बहा
मस्ती छाई

बिरहन की पीडा
टीसता मन
३मन हठीला
जिद कर कहता
पा लूँ तुझे
४रोटी पानी की
चिंता में डूबी
सारी दुनिया
५काली आखों से
खिलखिल हंसती
ये सुंदरी
६बसन्त आया
सुंदर फूलों से
धरनी पटी

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