Sunday, April 5, 2009

हाइकू

पतझर में

झरझर झरते

मर्मर कर

-दखिन पवन

झकझोरे तन को

हुलसे मन

-आई पाती

कैसे निष्ठुर हो

बिलखे मन

-आता है याद

पिछला मधुमास

संग साथ

-नई कोपलें

लताओं में निकली

यौवन आया

-उमंग भरी

खिलती पोर-पोर

बेली की लता

-आने की आस

कलूटी कोयल का

करे पलाश

-देखे पलाश

कूकती अमराई

कुढ़ता मन

९-अभिसारिका

बन कर डोलती

काली कोयल

१०-फूटा प्रभात

siha

हाइकू

जलता रूप
है मतवाली चाल
विश्व सुंदरी
२-अवगुंठन
छिपता पूर्ण चंद्र
छिटकी जोत
३-मन को भाता
बिखरा लावण्य
फागुन आया
४-सरसों फूली
yउओवन

Sunday, March 29, 2009

हाइकु

गा मन फाग
फगुनाहट बहा
मस्ती छाई

बिरहन की पीडा
टीसता मन
३मन हठीला
जिद कर कहता
पा लूँ तुझे
४रोटी पानी की
चिंता में डूबी
सारी दुनिया
५काली आखों से
खिलखिल हंसती
ये सुंदरी
६बसन्त आया
सुंदर फूलों से
धरनी पटी