पतझर में
झरझर झरते
मर्मर कर
२ -दखिन पवन
झकझोरे तन को
हुलसे मन
३-आई न पाती
कैसे निष्ठुर हो
बिलखे मन
४-आता है याद
पिछला मधुमास
संग औ साथ
५-नई कोपलें
लताओं में निकली
यौवन आया
६-उमंग भरी
खिलती पोर-पोर
बेली की लता
७-आने की आस
कलूटी कोयल का
करे पलाश
८-देखे पलाश
कूकती अमराई
कुढ़ता मन
९-अभिसारिका
बन कर डोलती
काली कोयल
१०-फूटा प्रभात
siha
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